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Tuesday, May 17, 2011

कभी भी हो सकता है भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध?

सैन्य सरगर्मियों को देखकर ऐसा लगता है कि दोनों देश युद्ध की तैयारी में जुटे हैं। दोनों देशों के नेताओं और सैन्न अधिकारियों के बयान भी युद्ध भड़काने वाले हैं।
आईएसआई चीफ शुजा पाशा के भारत पर हमले की तैयारियों की धमकी के एक दिन बाद सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से बैठक की। लादेन की मौत के बाद गिलानी ने पहली बार सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें भारत के साथ युद्ध होने पर हमले और बचाव के मुद्दे पर तमाम बातें हुईं। इधर, भारत ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। पाकिस्तान सीमा के पास उत्तरी राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में भारत ने थलसेना और वायुसेना के तालमेल से एक वृहद अभ्यास किया है। कहने को यह थलसेना का नियमित सालाना अभ्यास है, लेकिन मौजूदा माहौल में इस सैन्य अभ्यास का विशेष रणनीतिक महत्व है।
इतना ही नहीं कई कट्टरपंथी संगठन भी भारत के खिलाफ युद्ध या कहें आतंकी दहशत फैलाने की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार को ही जमात-उद-दावा ने भी रैली की। जमात के प्रमुख और मुंबई में हुए 26/11 हमले का मुख्य आरोपी हाफिज सईद ने एक बड़ी रैली कर भारत के खिलाफ जहर उगला। हाफिज सईद ने कहा कि भारत या अमेरिका ने फिर ऐबटाबाद जैसी कार्रवाई की, तो इन देशों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया जाएगा।
लादेन की मौत के बाद लगता है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान युद्ध की तैयारी कर रहा है। लादेन की मौत के बाद पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुख के साथ बैठक की। सुत्रों के मुताबिक, बैठक में सबसे ज्यादा आईएसआई चीफ शुजा पाशा के बयान पर चर्चा की गई। पाशा ने रविवार को कहा था कि भारत के खिलाफ हमले की तैयारी पूरी है और सारी योजना बना ली गई है।
हालांकि, सोमवार की शाम ही भारत ने पाशा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। भारत सरकार ने पाशा के इस बयान पर हैरत जताई। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने पूछा कि आखिर शुजा पाशा ऐसा बयान देने वाले होते कौन हैं।
गौरतलब है कि भारत के सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने हाल ही में कहा था कि भारत भी सीमा पार मौजूद आतंकवादियों की पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने के लिए अमेरिका सरीखे ऑपरेशन करने की क्षमता रखता है।
अल कायदा सरगना लादेन के खिलाफ की गई अमेरिकी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान घबरा गया है। इसका कारण है कि उसे यह डर सता रहा है कि भारत भी इस तरह की कार्रवाई कर सकता है। गौरतलब है कि भारत में कत्लेआम मचाने वाले कई आतंकी अब भी पाकिस्तानी सरजमीं पर मौजूद हैं। इसीकरण पाकिस्तान गिदड़ भभकी देकर भारत को इस तरह के कार्रवाई करने से रोक रहा है।
पाकिस्तान अपनी ताकत जानता है। फिर भी लगातार भारत को धमकी दे रहा है। कहीं इसके पीछे मेरिका तो नहीं? विदेश मामलों के कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हो सकता है लादेन की सूचना देने में पाकिस्तान का भी हाथ हो। वह कार्रवाई में भाग नहीं लिया हो, लेकिन लादेन को मरवाने में उसका हाथ जरूर रहा होगा। ऐसा संभव है कि लादेन के बदले पाकिस्तान ने अमेरिका से गुप्त समझौता कर लिया हो और कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी मिल गया हो। मौका परस्त पाकिस्तान ऐसा कर भी सकता है। अब लादेन पाकिस्तान के लिए किसी काम का नहीं रह गया था। वह उसे अमेरिका को सौंप कर कश्मीर मामले पर अमेरिकी सहयोग हासिल कर लिया हो। इन सब परिस्थितियों में भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।

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