Pages

Tuesday, May 10, 2011

पाक से लडऩे को तैयार था अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को पकडऩे या मारने के मिशन पर भेजे कमांडरों को ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से संघर्ष होने पर उनसे मुकाबला करने के लिए अधिकृत किया था।
न्यू यॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में कहा गया है कि अपने कुछ सलाहकारों की इच्छा को खारिज करते हुए ओबामा ने अपने लड़ाकू दल का आकार बड़ा करने पर जोर दिया, ताकि ऑपरेशन के दौरान संघर्ष होने पर वे पाकिस्तानी बलों का सफलतापूर्वक मुकाबला कर सकें।
पाकिस्तान पहले ही यह कह चुका है कि उसने ऐबटाबाद में अपने जेट विमानों और सौनिकों को बुला लिया था लेकिन अमेरिकी नेवी सील के कमांडो 40 मिनट में ऑपरेशन पूरा करके वहां से जा चुके थे।
न्यू यॉर्क टाइम्स ने कहा है कि पाकिस्तान भेजे गए दल का आकार बढ़ाने का ओबामा का फैसला बताता है कि ओबामा को अल कायदा प्रमुख को पकडऩे या मारने के लिए अपने एक करीबी सहयोगी के साथ सैन्य टकराव का खतरा मोल लेने में भी कोई परहेज नहीं था।
खबर में कहा गया है ऐसा टकराव होता तो ऑपरेशन की तुलना में पाकिस्तान की संप्रभुता के साथ कहीं अधिक बड़ा उल्लंघन होता। इस्लामाबाद में अधिकारियों को पता चल गया था कि नेवी सील दल के सदस्यों को लेकर हेलिकॉप्टर उनके किसी शहर की ओर गए हैं। इन हेलीकॉप्टरों का पता नहीं चल पाया था और फिर ऐबटाबाद के कैंपस पर हमला हुआ, जहां लादेन छिपा था।
ओबामा प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'आदेश दिया गया था कि जहां तक संभव हो, वह कोई भी टकराव टालें। लेकिन यदि स्थिति प्रतिकूल होती तो उन्हें इसका मुकाबला करने के लिए अधिकृत किया गया था।' रिपोर्ट में कहा गया है योजना से यह भी पता चलता है कि ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तानियों पर कितना कम भरोसा किया। उन्होंने पाकिस्तानियों को ऑपरेशन से जोडऩे का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया था।
मूल योजना थी कि दो हेलिकॉप्टर ऐबटाबाद भेजे जाएंगे और दो हेलिकॉप्टर सीमा पर अफगानिस्तान के हिस्से में रुक कर यह इंतजार करेंगे और यदि उनकी जरूरत पड़ती है तो वे जाएंगे। इनकी लादेन के कैंपस से दूरी 90 मिनट होगी। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों से टकराव की स्थिति में जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन सशस्त्र संघर्ष टालने के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्षों से बात करते।
अखबार के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि ओबामा ने हमले से 10 दिन पहले योजनाओं की समीक्षा की और चिंता जताई कि ऑपरेशन पर जाने वाले सैनिकों की सुरक्षा के लिए यह पर्याप्त नहीं है। इसके बाद अतिरिक्त बलों को लेकर दो और हेलिकॉप्टर भेजने का फैसला किया गया। इन हेलिकॉप्टरों के पीछे दो प्रमुख ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर भेजे गए, जिनमें हमला करने वाला वास्तविक दल था।
जब पाकिस्तानियों के साथ कोई टकराव नहीं हुआ और उतरते समय एक ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर क्षतिग्रस्त हो गया तो साथ आए दो अतिरिक्त में से एक हेलिकॉप्टर को हमले वाले स्थान पर लाया गया।
अखबार ने यह भी कहा है कि पूरे ऑपरेशन के दौरान विशेषज्ञों के दो दल बिल्कुल तैयार खड़े थे। पहला दल लादेन के मारे जाने की स्थिति में उसे दफनाने के लिए तैयार था और दूसरा दल लादेन के जीवित पकड़े जाने की स्थिति में उससे पूछताछ के लिए तैयार था। इस दल में वकील, पूछताछ करने वाले और दुभाषिए शामिल थे।

No comments:

Post a Comment