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Thursday, April 15, 2010

और आखिर हो ही गया शोएब-सानिया विवाह....

लेखक-तनवीर जाफरी
तमाम विवादों का सामना करने के बाद भारतीय टेनिस की सनसनी कही जाने वाली सानिया मिर्जा आखिरकार पाक क्रिकेट खिलाड़ी शोएब मलिक के साथ विवाह बंधन में बंध ही गई। सानिया ने जब मात्र १६ वर्ष की आयु में विबंलडन जूनियर टूर्नामेंट जीता था उसी समय सानिया को भारतीय टेनिस की सनसनी कहा जाने लगा था। इसे महा एक इत्तेंफाक ही कहा जाएगा कि सानिया की जिंदगी के साथ 'सनसनीÓ का जो सिलसिला विबंलडन से शुरु हुआ था वह उसके विवाह तक जारी रहा। अपने मात्र सात वर्ष के टेनिस के संफर के दौरान जहां सानिया र्मा ने स्वयं को भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया वहीं इसी दौरान अपने आकर्षक टेनिस तथा मशहूर बुलेट सॢवस शॉट की वजह से वह बहुत थोड़े ही समय में पूरे भारतवासियों की लाडली बन बैठी। भारत में जिसे टेनिस के संबंध में कुछ भी पता नहीं होता वह व्यक्ति भी सानिया के खेल व उससे जुड़ी खबरों में दिलचस्पी रखने लगा। गोया अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस में भारत का नाम रोशन करने वाली सानिया को पूरा देश भारत की लाडली महसूस करने लगा।
ग़ौरतलब है कि यह वही सानिया मिर्जा है जिसके खेल के लिबास को लेकर भारत के कुछ अतिवादी सोच रखने वाले मुल्लाओं द्वारा यह फतवा जारी किया गया था कि सानिया का पहनावा ंगैर इस्लामी है। इन्हीं कट्टरपंथियों द्वारा सानिया के खेल का विरोध करने की धमकी भी दी गई थी। उस समय पूरा देश सानिया र्मा के साथ खड़ा था। मुझ जैसे कई लेखक भी उस समय अतिवादी कठमुल्लाओं के फतवे का विरोध कर रहे थे। निश्चित रूप से कट्टरपंथियों द्वारा किए जाने वाले इस विरोध के बीच सानिया की हौसला अंफाई करने वालों की कोई कमी नहीं थी। जाहिर है इससे सानिया को कांफी नैतिक बल मिला और उसने अतिवादी कठमुल्लाओं की परवाह किए बिना अपनी पसंदीदा पौशाक पहन कर अपने खेल को आगे बढ़ाने का सिलसिला पूर्ववत् जारी रखा। और उसकी इसी शानदार खेल शैली ने उसे विश्व टेनिस रेंकिग में २८वें नंबर तक पहुंचा दिया था जो आज फिर ९०वें नंबर तक आ चुका है।
बहरहाल भारतीय टेनिस की इस लाडली ने गत् वर्ष अक्तूबर माह में अपना घर बसाने का ंफैसला करते हुए अपने बचपन के सहपाठी एवं पारिवारिक मित्र सोहराब र्मा के साथ विवाह करने का ंफैसला किया था, सगाई की रस्म भी अदा कर दी गई थी। उस समय भी करोड़ों सानिया प्रशंसक उसे दुआएंं देते नार आ रहे थे। उस रिश्ते को लेकर सभी इस बात के लिए सानिया र्मा की प्रशंसा कर रहे थे कि विश्वस्तरीय टेनिस स्टार होने के बावजूद उसने अपने बचपन के पारिवारिक मित्र से विवाह करने का ंफैसला कर वास्तव में एक बड़ा कदम उठाया है। सानिया-सोहराब रिश्ते को लेकर भी भारतवासी सानिया को आशीर्वाद देने तथा उसके उावल भविष्य की कामना करने की मुद्रा में थे। परंतु बजाए इसके कि सानिया प्रशंसकों की आकांक्षाओं के अनुरूप सोहराब- सानिया विवाह की तिथि घोषित होती यह खबर आई कि सानिया ने सोहराब मिर्जा से अपनी सगाई तोड़ने की घोषणा कर डाली। इस खबर ने एक बार फिर सानिया र्मा के व्यक्तिगत् जीवन को लेकर 'सनसनीÓ फैला दी। सोहराब से सगाई टूटने की खबर अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मात्र दो ही दिन में एक और धमाकेदार ख़बर यह सामने आई कि सानिया पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान शोएब मलिक के साथ विवाह करने जा रही है। इस ंखबर ने सानिया र्मा के करोड़ों प्रशंसकों का मानो दिल ही तोड़ दिया। इसलिए नहीं कि शोएब मलिक पाकिस्तान का नागरिक है बल्कि इसलिए कि शोएब मलिक इन दिनों पाकिस्तान का वह बदनामशुदा क्रिकेट खिलाड़ी है जिसे पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा मैच फिङ्क्षक्सग के अपराध में एक वर्ष के लिए क्रिकेट खेलने से प्रतिबंधित किया गया है। अत सानिया के भारतीय प्रशंसकों को यह बात हजम नहीं हो पा रही है कि सुविख्यात एवं हरदिल विश्वस्तरीय भारतीय टेनिस स्टार पाकिस्तान के किसी बदनाम शुदा व्यक्ति से विवाह करे।
भारतवासियों विशेषकर सानिया प्रशंसकों को यह ङ्क्षचता भी सता रही थी कि आ]खिर उनके द्वारा अपने सिर माथे पर बिठाई जाने वाली सानिया पाकिस्तान की बहू बनने के बाद भारत की ओर से टेनिस खेल सकेगी या नहीं। इस विषय पर आगे उठने वाले सवालों को ंफिलहाल विराम देने हेतु सानिया र्मा ने दो बातें स्पष्ट की थीं। एक तो यह कि वह भविष्य में टेनिस केवल भारत की ओर से ही खेलेगी और दूसरे यह कि वह विवाह के पश्चात पाकिस्तान में न रहकर दुबई में जाकर बसेगी। परंतु यह तो सानिया र्मा का विवाह के पूर्व दिया गया वक्तव्य था। सानिया के इस वक्तव्य पर पाकिस्तान में कुछ विशेष संबद्ध व्यक्तियों की राय भी ग़ौर कीजिए। शोएब मलिक की मां तो यह ंफरमाती हैं कि सानिया र्मा विवाह के बाद टेनिस खेलना छोड़ देगी। क्योंकि उन्हें खिलाड़ी नहीं बलिक घरेलू बहु चाहिए। तो दूसरी तरंफ पाकिस्तान के एक मौलवी साहब का ंफतवा भी ग़ौर करने लायक है। मौलवी साहब ंफरमाते हैं कि इस्लाम में बीबी को शौहर के हुक्म की तामील करना वाजिब है। लिहा सानिया र्मा टेनिस कहां से खेलेगी यह ंफैसला तो शोएब मलिक को लेना होगा न कि सानिया र्मा को। अब यह सानिया प्रशंसकों को स्वयं सोचना होगा कि शोएब मलिक अपनी धर्मपत्नी सानिया को क्या भारत की ओर से टेनिस खेलने की इजात देंगे?
भारत में सानिया मिर्जा की शोएब मलिक से हुई शादी का तमाम पेशेवर राजनीतिज्ञों द्वारा भी कांफी विरोध किया गया। ंखासतौर पर उन ठाकरे बंधुओं द्वारा जिन्हें विकास के बजाए ऐसे ही वलंत एवं विवादित,सस्ते मुद्दों की ारूरत अपनी राजनैतिक दुकानदारी चलाने हेतु पड़ती रहती है। ऐसे पेशेवर नेताओं के विरोध की तो सानिया प्रशंसकों द्वारा कोई परवाह नहीं की गई। परंतु सानिया-शोएब रिश्ते की ख़बरें के बाद शोएब मलिक का जो चरित्र मीडिया के माध्यम से बेनक़ाब हुआ उससे सानिया प्रशंसकों को कांफी धक्का लगा। और उन्हें यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा कि शोएब जैसे झूठ बोलने वाले तथा मक्कारी करने वाले व्यक्ति के सिवा क्या सानिया को इससे बेहतर कोई दूसरा वर नहीं मिल सकता था? शोएब मलिक, सानिया से रिश्ते के नशे में इतना चूर हो गया था कि वह हैदराबाद में ही बैठी अपनी पहली पत्नी आयशा उंर्फ माहा सिद्दीकी को भी पूरी तरह नार अंदा कर देना चाहता था। शोएब मलिक ने केवल यह प्रमाणित करने के लिए कि सानिया र्मा के साथ उसका पहला विवाह हो रहा है तथा सानिया उसकी पहली पत्नी है, झूठ पर झूठ बोलने का एक ऐसा सिलसिला शुरु कर दिया जिसमें शोएब मलिक ंखुद ही उलझता गया। अपने इस झूठ व मक्कारी पूर्ण बयान के दौरान शोएब आयशा सिद्दींकी से हुए प्रमाणित निकाह से इस केंद्र मुकरा कि उसने अपनी पहली पत्नी आयशा उंर्फ माहा सिद्दींकी को 'माहा आपाÓ अर्थात् बड़ी बहन तक कहकर संबोधित कर डाला।
मात्र तीन चार दिन के भीतर बहुत ती से घटे इन घटनाक्रमों के दौरान पूरी दुनिया विशेषकर सानिया र्मा में दिलचस्पी रखने वाले सानिया प्रशंसकों ने बहुत गौर से देखा कि शोएब मलिक तथा उसके परिवार के कुछ सदस्यों ने मिलकर किस प्रकार से शोएब की पहली शादी पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश की। परंतु सांच को आंच नहीं की नीति पर चलते हुए आंखिरकार शोएब की पहली ससुराल वालों अर्थात् आयशा सिद्दींकी के परिजनों ने शोएब मलिक के विरुद्ध हैदराबाद के बंजारा हिल्स थाने में धोखाधड़ी,झूठ,मक्कारी तथा महिला उत्पीड़न जैसे आरोपों में प्राथमिकी दर्ज करवा दी, और इस प्रकार शोएब को अपने दूसरे विवाह अर्थात् सानिया से होने वाले निकाह से मात्र तीन दिन पहले ही आयशा उंर्फ माहा सिद्दींकी जिन्हें शोएब ने 'माहा आपाÓ अर्थात् बड़ी बहन कहकर संबोधित किया था, को तलांक देना पड़ा। इस तलांक के बाद यह सांफ हो गया कि सानिया र्मा अब शोएब की दूसरी पत्नी हैं न कि पहली।
परंतु शोएब-आयशा के इस विवाह से लेकर तलांक तक के प्रकरण में शोएब मलिक व उसके परिजनों द्वारा निभाई जा रही भूमिका ने शोएब मलिक को भारतवासियों की नारों में बुरी तरह से गिरा दिया। हालांकि अब शोएब-सानिया विवाह हो चुका है तथा प्रत्येक सानिया प्रशंसक इस नई जोड़ी को अपनी शुभकामनाएंं दे रहा है तथा इनके उावल भविष्य के लिए प्रार्थना कर रहा है। परंतु इन्हीं सानिया शुभङ्क्षचतकों का यह सोचना भी स्वाभाविक है कि आयशा सिद्दींकी के साथ अपने विवाह के मुद्दे को लेकर जो शोएब मलिक इस हद तक जा सकता है कि उस आयशा को अपनी पत्नी के बजाए बड़ी बहन तक कह डाले और बड़ी बहन कहने के बाद फिर उसी पहली पत्नी के रूप में तलांक भी दे डाले वह शोएब मलिक सानिया के साथ उसके वंफादार एवं सच्चे पति के रूप में पेश आ सकेगा? शोएब सानिया विवाह प्रकरण के बीच जहां शोएब मलिक का चरित्र बेनंकाब हुआ वहीं आयशा सिद्दींकी ने भी कांफी सहानुभूति अॢजत की। हां सानिया ने शोएब से विवाह कर अपने करोड़ें प्रशंसकों का दिल जरूर तोड़ दिया। क्येंकि सोहराब से सगाई टूटने के बाद सानिया प्रशंसक किसी अच्छे,सच्चे व सुप्रतिष्ठित वर की सानिया के लिए उम्मीद करते थे। इन सब के बावजूद पूरा देश सानिया-शोएब के उावल भविष्य की कामना करता है हम भी ंखुदा से यही दुआ करते हैं कि सानिया र्मा शोएब की एक लायक व होनहार बेगम ही बनी रहे तो बेहतर है। अच्छा होगा यदि शोएब मलिक अपनी आदतों के अनुसार सानिया को अपनी बेगम ही समझता रहे कभी 'सानिया आपाÓ कहकर संबोधित करने की नौबत न ही आए तो अच्छा है।

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