स्थान : जगत क्रान्ति मार्ग
जिला : जीन्द
राज्य : हरियाणा
समय : बरसात का
बरसात के समय में यह सड़क किसी प्ले ग्राउंड के कम नहीं हो जाती जहां बच्चे नंगे होकर बरसात से गीली गारा के साथ आपस में खेलते हैं। यहां आने-जाने की जो सोचता है उसे यहां के स्थानीय निवासी पागल ही समझते होंगे, क्योंकि यह सड़क, सड़क नहीं बल्कि किसी तगार से कम नहीं होती। बरसात के सम में यहां कोई दोपहीय ही नहीं बल्कि पैदल आने-जाने के बारे में भी सोच नहीं सकता। यहां की देख-रेख करने वाला शायद ऊपर वाला ही होगा। ही...ही...ही....हंसी इस बात की है कि यहां यदि कोई स्थानीय निवासी इस सड़क को लेकर किसी सरकारी कार्यालय में जाता है तो उसे थाली के बैंगन की भांती होना पड़ता है।
एक बार की बात की यहां खुले दरबार में शिक्षा मंत्री महोदया आई हुई थी। तो यहां के रहने वालों ने उन्हीं के सामने जाना मुनासिफ समझा, जो पहुंच गए खुले दरबार में, जाते ही इस सड़के बारे में बताया कि यह सड़क पहले 24 फीट की थी, लेकिन अब केवल 12 फीट की रह गई है। है ना मजे की बात। इस बात पर मंत्री जी बोली हमने सड़कों को 12 से 24 होता देखा है लेकिन यह पहली बात है कि सड़क 24 से 12 फीट हो चुकी है। अब मंत्री जी को कौन बताए कि यहां की राजनीति क्या चीज है। यहां के सरकारी अधिकारी अपने आप को सीएम से कम नहीं समझते। उन्हें काम इतना होता है कि अन्य व्यक्ति को घर से ठाली बैठा रहता है और काम तो सिर्फ वो सरकारी बाबू लोग ही करते हैं। वहां मौजूद एक सरकारी अधिकारी बोले की मंत्री जी हमने इस सड़क की फाईल जहां इसे पास होकर सड़क बननी है वहां भेज दी है। लेकिन एक व्यक्ति ने वहां जाकर पूछा तो पता चलता है कि यहां इस सड़क के नाम की बात तक नहीं हुई तो फाईल कहां से आएगी। अब बात सोचने वाली यह है कि यह सड़क कौन बनवाएगा और कब बनकर तैयार होगी इसके बारे में जरूर लिखा जाएगा। इस सड़क का इतिहास जो रहा है कि जब यह सड़क ऐसी होती है तो लंबे समय तक इसे पूछने वाला कोई नहीं होता।
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