देश की साख पर बट्टा लगता देख केंद्र सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन की कमान पूरी तरह से अपने हाथों में ले ली है और ऑर्गनाइजिंग कमिटी को लगभग निष्प्रभावी कर दिया है। ऑर्गनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन सुरेश कलमाड़ी से गेम्स के आयोजन से जुड़े सारे अधिकार छीन लिए गए हैं। कमिटी के सारे लोग अब 10 नौकरशाहों के पैनल को रिपोर्ट करेंगे। इस पैनल के सभी सदस्यों को सीधे पीएमओ ने चुना है। दरअसल, सरकार ने पिछले ही सप्ताह कलमाड़ी के पर कतरते हुए गेम्स के आयोजन की कमान कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता वाले सेक्रेटरियों के पैनल को सौंप दी थी। लेकिन गुरुवार को इस मामले में सोनिया गांधी के बयान के बाद आनन-फानन हरकत में आई सरकार ने कलमाड़ी को गेम्स ने पूरी तरह से अलग कर दिया। अब वह सिर्फ नाम के लिए ही ऑर्गनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन होंगे। सोनिया ने गुरुवार को सभी लोगों से गेम्स को सफल बनाने में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा था कि इसके आयोजन के बाद दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चलो ये तो हुई मर्दों वाली बात, लेकिन जो घोटाले कलमाड़ी व उसके साथ लगे लोगों या रिश्तेदारों के मिले हैं उनकी रिपोर्ट का क्या होगा? क्या यह रिपोर्ट इधर-उधर कर दी जाएगी? या फिर सरकार अपनी इस मर्दों वाली बात को कायम रखते हुए सख्त कदम भी उठाएगी। मेरे मानना है कि सरकार को ऐसा काफी समय पहले कर देना चाहिए था ताकि गेम्स के नाम पर शायद ऐसा नहीं होता।
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