खाटू श्याम की महिमा का संक्षिप्त विवरण
महाभारत के अमर पात्र बर्बरीक ने अधर्म पर विजय के लिए भगवान श्री कृष्ण को अपने शीश का दान कर दिया था । जबकि वह उस महायुद्ध में हारे का सहारा बनने आया था। ऐसे महादानी पाण्डव वंशज बर्बरीक को श्री कृष्ण ने अपना नाम ‘श्याम’ नाम दिया जो आज राजस्थान के सीकर जिले में ‘खाटुश्याम’ के नाम से व पूरे हिन्दुस्तान के मारवाड़ी समुदाय के मानने वाले आराध्य देव के रूप में घर-घर में पूजे जाते हैं । भगवान श्री श्याम सदैव अपने भक्तों की पग-पग पर मदद करते हैं । मारवाड़ी समुदाय के अलावा भी अन्य-अन्य धर्म, समुदाय के लोग अपनी आस्था रखते देखे गये हैं। कलयुग में जो भी मनुष्य सच्चे मन से अपनी अरदास श्री श्याम से लगाते हैं । उनकी मनोकामना पूर्ण होती है ।
आन भी अपनी अरदास लगाकर देखें कार्य जरूर पूर्ण होगी ।
जय श्री श्याम ।
सच्ची निष्ठा श्याम की तो कदै न ऐली जाय ।
संाचा मन का शब्द भी गोली की ज्युं जाय ।।
।। महामंत्र।।
ऊँ श्री श्याम देवाय नमः ऊँ श्री श्याम देवाय नमः ।
महामंत्र का जाप करो,अपने मन को साफ करो ।। ऊँ श्री श्याम ़़़
No comments:
Post a Comment