बच्चे देख रहे ‘पॉर्न साइट’
इंटरनेट मानव के लिए एक जरूरत बन चुकी है, जिसे नकारना समाज को वर्षों पीछे ले जाना होगा। भारत में इंटरनेट की जरूरत हर वर्ग के लोग महसूस करने लगे हैं। यही कारण है कि उच्च वर्ग के अलावा अब मध्यम वर्ग के लोग भी जमकर इंटरनेट इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे लोग जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे साइबर कैफे की ओर रुख करने लगे हैं। बिहार में मध्यम वर्ग की लड़कियां भी अब बेहिचक साइबर कैफे पहुंचने लगी हैं। इंटरनेट में जानकारियों का खजाना भरा-पड़ा है, आपको कोई जानकारी चाहिए, बस क्लिक कीजिए-जानकारी ही जानकारी। अब चलते हैं, इसके निगेटिव पहलू की ओर। इसमें हजारों साइट ऐसे हैं, जो किशोरों पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं। लाखों अभिभावक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने बच्चों को इंटरनेट इस्तेमाल करने की खुली छूट दे रखी है। ऐसे में बारह साल का किशोर भी ‘पॉर्न साइट’ खोलना सीख गया है, इतना ही नहीं वह ‘पॉर्न वीडियो’ भी देखता है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी बनती है कि वह खुद के सामने ही बच्चों को इंटरनेट इस्तेमाल करने की इजाजत दें। यहां तक कि आफिस जाते वक्त कंप्यूटर में ‘पासवर्ड’ अवश्य डाल दें। बच्चे देश के भविष्य हैं, ऐसे में यह निगरानी अत्यंत जरूरी है। बच्चे हर चीज को जानना चाहते हैं, ऐसे में ज्ञान के अभाव में गलत चीजें देख वे उल्टी-सीधी हरकतें करते हैं। इससे कई अभिभावकों का सिर समाज में झुक जाता है। थाने में दर्ज मामले बताते हैं कि छेडख़ानी मामले में चौदह साल के किशोर भी आरोपित किए जाते हैं और उन्हें हिरासत में ले रिमांड होम भी भेजा जाता है। अब जरा युवाओं पर इंटरनेट के असर की पड़ताल पर भी गौर फरमाना जरूरी है। संस्कारी युवाओं को सबसे अधिक चिंता भविष्य को लेकर होती है, क्योंकि इनमें कुछ बनने का जज्बा रहता है। यदि किसी युवा को ‘पॉर्न साइट’ देखने की लत पड़ गई तो वह अपनी पढाई-लिखाई चौपट कर देता है। अभिभावक समझ नहीं पाते कि उनके बेटे को क्या रोग लग गया? वर्तमान में ‘कॉर्ल गर्लस’ भी ईमेल और मोबाइल से ग्राहक पटाने लगी हैं। ऐसे में इनके शिकार नौजवान अधिक होते हैं। गलत हरकतों के चलते कई नौजवानों को जेल की हवा भी खानी पड़ती है। इनके अभिभावकों को भी बात तब समझ में आती है, जब काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए, चेतिए और जानिए कि आपके बच्चे क्या कर रहे हैं, कहीं ये ‘पॉर्न साइट’ तो नहीं देख रहे हैं। पुलिस डायरी कहती है कि छेडख़ानी व बलात्कार मामलों में इजाफा हुआ है। कई वरीय पुलिस अधिकारी यह कहने में परहेज नहीं करते कि युवाओं को बिगाड़ रहा है इंटरनेट। बिहार के अखबारों में प्रतिदिन प्रेमी संग प्रेमिका फरार की खबरें छपती हैं। पुलिस तक इस घटना से तंग आ चुकी है। कहीं न कहीं इन्हें इसकी प्रेरणा सिनेमा, इंटरनेट से मिल रही है।
No comments:
Post a Comment