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Friday, September 23, 2011

कृषि में बनाएंं कैरियर


कृषि प्रधान होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान सबसे ज्यादा है। इसी कारण देश का आधा से ज्यादा श्रमिक वर्ग इस क्षेत्र से जुड़ा है। कृषि के मूलभूत भाग खेती को अलग कर दिया जाए तो इससे जुड़े कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें कैरियर की अपार संभावनाएंं हैं।
अगर कोई विद्यार्थी कृषि क्षेत्र में कैरियर बनाने का विचार कर रहा है तो उसके लिए कई विकल्प उपलब्ध है जैसे बागवानी, दुग्ध उत्पादन क्षेत्र, मुर्गी पालन, पशु पालन, मछली पालन इत्यादि।
बागवानी भारत में विभिन्न प्रकार की मिट्टी और तरह-तरह के वातावरण के कारण यहां की धरती बागवानी के उपयुक्त फसलों के विकास के लिए अनुकूल है। बागवानी के तहत कई सब्जियों और फलों के खेतों की देखभाल की जाती है। बागवानी से भारत के कई ग्रामीण इलाकों को फायदा हुआ है।
इसमें कई ग्रामीण मजदूरों को रोजगार के अवसर मिलते हैं साथ ही ये आय का एक प्रमुख जरिया भी है। भारत में कुल २८.२ मिलियन टन फलों और ६६ मिलियन टन सब्जियों का बाजार है। सब्जियों और फलों के उत्पाद में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। सब्जियों और फलों को न केवल निजी उपभोग के लिए ही नही बल्कि अन्य उत्पादों के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसीलिए यह उद्योग काफी बड़ा है।
दुग्ध उत्पादन (डेरी टेक्नोलॉजी)रू डेयरी ऐसी जगह है जहां दूध और दूध से बने उत्पादों की देखरेख होती है। यहां कई अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए दूध, मख्खन, दही, घी, चीज, आइक्रीम आदि का उत्पादन किया जाता है। पिछले कई दशकों में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अभूत्पूर्व विकास हुआ है। भारत विश्व भर के दिग्ग्ज दुग्ध उत्पादक देशों के शीर्ष पर है। अनेक राज्यों में दुग्ध उत्पादन से जुड़े को-ऑपरेटिव खुल जाने से इस क्षेत्र का डेयरीरी क्षेत्र खूब फला-फूला है। देश में पशुओं की संख्या इस क्षेत्र के विकास का आधारस्तंभ है। आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड (अमूल) ह्लह्लह्ल.ंउनस.बवउ जैसी दुग्ध उत्पादक संस्थाओं ने डेयरी उद्योग में क्रांति लाकर इस क्षेत्र को एक नई दिशा दी है। पशुओं की संख्या बढ़ाना, अच्छी नस्लों के पशुओं को इस क्षेत्र में शामिल करना जिससे बढि़या उत्पाद मिल सके ये हेतु से ग्रामीण विभागों को ही विकास की दृष्टि से चुना गया है।
शिक्षा के अवसररू नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीटयूट (करनाल और बैंगलोर)
डिप्लोमा स्तर के कोर्स उपलब्ध करवाने वाले संस्थान हैं
१- डेयरी साइंस इंस्टीटयूट (आरे, मुम्बई)
२- इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीटयूट (इलाहाबाद)
३- स्टेट इंस्टीटयूट ऑफ डेयङ्क्षरग (हङ्क्षरघाटा, पश्चिम बंगाल)
आईआईटी (खडग़पुर) ह्लह्लह्ल.पपजाहच.मतदमज.पदध् में डेयरी इंजीनियङ्क्षरग और डेयरी टेक्नोलॉजी में पीएचडी कोर्स के अलावा डेयरी इंजीयङ्क्षरग में बीटेक और एमटेक के कोर्स भी उपलब्ध कराए जाते हैं। इस क्षेत्र में अध्ययन करने के बाद आपको कृषि से जुड़े बैंकों और दुग्ध उत्पादक इकाइओं में डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में कार्य कर सकते हैं। आप नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीटयूट से इसका अध्ययन कर सकते हैं।
मुर्गी पालनरू आजादी के बाद मुर्गी पालन क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। खासतौर पर पिछ्ले दो दशकों में भारतीय मुर्गी पालन क्षेत्र में १५ से २० प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह व्यापार कुल मिलाकर ६५ बिलियन रुपए का हो गया है। घरेलू बाजार का बढ़ता दायरा, तेजी से हो रहे औद्योगिकरण और आॢथक उदारीकरण ने इस क्षेत्र में विकास की असीमित संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
अंडों का उत्पाद सालाना ८ से १० प्रतिशत बढ़ा है और दुनिया में अंडा उत्पादक देशों की फेहरिस्त में भारत का स्थान पाचवां है।
भारत में जहां मुर्गी पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है वह हैरू डॉ. बी.वी. राव इंस्टीटयूट ऑफ पोल्ट्री मैनेजमेंट एंंड टेक्नोलॉजी, उरुली कंचन, ४१२२०२, पुणे।
योग्यता
इनमें से किसी भी कोर्स करना हो तो प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवारों का विज्ञान विषय से १०़२ होना जरूरी है और ४ साल के कृषि में बीएससी कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तााह्म्र्ण करना जरूरी है। प्रवेश परीक्षा में आपका विषय होना चाहिए फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ्स या एग्रीकल्चर।
कृषि में एमएससी करने के लिए बीएससी में अच्छे अंक प्राप्त करना जरूरी है। आपके पास किसी एक विषय में विशेषज्ञता हासिल करने का विकल्प भी है जैसे बागवानी (हॉॢटकल्चर), कृषि अर्थशा एग्रीकल्चर इकोनोमिक्स, एग्रीकल्चर केमेस्ट्री, पशु पालन इत्यादी।
रोजगार की संभावनाएंं कृषि क्षेत्र को कैरियर के रूप में चुनने वाले विद्याॢथयों के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएंं होती हैं
१- कृषि से संबंधित उद्योगों में जैसे फसलों की उत्पादक प्रक्रिया से जुड़े उद्योग, बीज उत्पादक कम्पनियां, शोध करने वाले संगठन आदि।
२- दुग्ध और खाद्य उत्पादन से संबंधित उद्योग
३- केंद्र और राज्य के कृषि विश्वविद्यालय के विभाग
इसके अलावा कई ऐसे गैर सरकारी संगठन हैं जो कृषि संबंधित कार्यों से जुड़े हैं। ये खासतौर पर ग्रामीण भागों में कार्यरत हैं जो कृषि में स्नातकोत्तार छात्रों को रोजगार मुहैय्या कराते हैं।
नाबार्ड जैसे ग्रामीण भागों के विकास से जुड़े बैंकों में द्वारा आपको ग्रामीण बैंकों में अधिकारी पद पर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।
आप कृषि वैज्ञानिक के रूप में कई कृषि से संबंधित शोध संगठनों में शोध कार्य कर सकते हैं। देश में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ाह्म्जजचरूध्ध्ह्लह्लह्ल.पबंत.वतह.पदध् जैसे कई शोध संगठन हैं। भारतीय खाद्य संगठन जैसी अन्य सरकारी और राज्य स्तर के विभागों और निदेशालय में बीज उत्पादन अधिकारी, कृषि संबंधित कार्यों में सहायक, फार्म सुपिङ्क्षरटेंनडेंट और ऐसे ही अन्य आधिकारिक पदों पर आपकी नियुक्ति हो सकती है।
कृषि से संबंधित कुछ इंस्टीटयूट-
१- कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियङ्क्षरग एंंड टेक्नोलॉजी, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ देशमुख कृषि विद्यापीठ, पी.ओ. कृषिनगर, अकोला ४४४१०४।
२- इलाहाबाद एग्रीकअल्चर इंस्टीटयूट, एग्रीकल्चर, इलाहाबाद, उत्तार प्रदेश
३- आनंद निकेतन कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, मूॢतजापुर रोड, कृषि नगर, अकोला, महाराष्ट्र
४- गुजरात एग्रीकल्चर यूनिवॢसटी, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल, जूनागढ, गुजरात
५- इंस्टीटयूट ऑफ एग्रीकल्चर, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवॢसटी, अलीगढ़ २०२ ००२
६- केरल एग्रीकल्चर यूनिवॢसटी, वेल्लानिक्कारा, केरल ६८०६५४ फोन नम्बररू०४८७- ३७०८२२
७- कोंकण कृषि विद्यापीठ , दापोली, कोंकण, महाराष्ट्र ४१५७१२।
८- कैरी इंस्टीटयूट ऑफ हॉॢटकल्चर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, ७०००२७।
९- गुरू नानक देव यूनिवॢसटी, खालसा कॉलेज, अमृतसर, पंजाब
१०- कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर पिलोकोड, निलेशवर, केरल फोन नम्बररू ०४९९-७८०६१६।
११- इंस्टीटयूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस, फैकल्टी ऑफ एग्रीकल्चर एट बीएचयू, वाराणसी
१२- कोंकण कृषि विद्यापीठ, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, दापोली, रत्नागिरी, महाराष्ट्र
१३- गुजरात एग्रीकल्चरल यूनिवॢसटी, एनएम कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, नवसारी, वलसाड़, गुजरात
१४- नॉर्थ- ईस्टर्न हिल यूनिवॢसटी स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंंड रूरल डेवलपमेंट मेडीपेम, नागालैंड
१५- शेर-ए-कश्मीर यूनिवॢसटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस एंंड टेक्नोलॉजी, शालीमार कैम्पस, श्रीनगर- १९११२१ध् कैम्प ऑफिसरू रेलवे रोड, जम्मू-१८० ००४
१६- श्री दुर्गाली पी.जी. कॉलेज, चंदेसर, आजमगढ़, उत्तार प्रदेश
१७- मोहनलाल सुखाडिया, यूनिवॢसटी ऑफ राजस्थान कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, उदयपुर, राजस्थान
१८- आंध्र प्रदेश एग्रीकल्चरल यूनिवॢसटी, राजेंद्र नगर, हैदराबाद ५०००३०

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