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Friday, September 23, 2011

रियल एस्टेट में कैरियर


बदलते वक्त के साथ रियल एस्टेट कारोबार का स्वरूप काफी व्यवस्थित हो गया है और किसी भी दूसरे सेक्टर की तरह कॉरपोरेट कल्चर की सारी विशेषताएंं इसमें नजर आने लगी हैं। मंदी के बाद सुधरती आॢथक स्थिति के कारण रियल एस्टेट सेक्टर में विकास की दर भी काफी तेज हो गई है। पिछले साल इस सेक्टर में हुए विकास की रफ्तार इस साल भी जारी है। वर्तमान कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट से इस सेक्टर में जॉब के शानदार मौके उपलब्ध हो रहे हैं। रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में हो रही गतिविधियों से भी इस सेक्टर को बल मिला है और जॉब के अवसरों में इजाफा हुआ है। भारतीय रोजगार ट्रंड पर क्वमा फोई रैंडस्टैड एम्प्लॉइमेंट ट्रंड सर्वे (एमईटीएस)ज् की रिपोर्ट में २०११ के अग्रणी जॉब प्रदाता सेक्टरों में रियल एस्टेट सेक्टर को भी शामिल किया गया है, जिसके तहत १६.८ प्रतिशत की विकास दर से लगभग १,४४,७०० जॉब के मौके उपलब्ध होंगे।
कार्य का स्वरूप
रियल एस्टेट सिर्फ एक फील्ड नहीं है, बल्कि यह एक पूरा सेक्टर है, जिसमें कई फील्ड्स समाहित हैं। इसके तहत कंस्ट्रक्शन, इंटीरियर डिजाइङ्क्षनग, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट, ब्रोकरेज सिस्टम, अर्बन प्लाङ्क्षनग, रियल एस्टेट काउंसङ्क्षलग, रियल एस्टेट रिसर्च, मार्केङ्क्षटग, एचआर, लीगल, प्रॉपर्टी टैक्स, इन्वेस्टमेंट आदि तमाम तरह के कार्य किए जाते हैं। यह अलग बात है कि इसमें सामान्य तौर पर मार्केङ्क्षटग और कंस्ट्रक्शन का काम ज्यादा नजर आता है। लैंड डेवलपमेंट इस सेक्टर का अहम पहलू है। खाली पड़ी जमीन में बिङ्क्षल्डग, शॉङ्क्षपग आर्केड, ऑफिस कॉम्पलेक्स, होटल, फैक्ट्री आदि बनाकर उसे उपयोग के लायक बना देना रियल एस्टेट के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत ही आता है।
योग्यता
इस सेक्टर के अंतर्गत कई फील्ड्स शामिल हैं। ऐसे में किसी खास फील्ड में जॉब के लिए उससे संबंधित डिप्लोमा या डिग्री का होना अनिवार्य है। मार्केङ्क्षटग में जॉब के लिए एमबीए, डिप्लोमा इन मार्केङ्क्षटग या रियल एस्टेट संबंधी कोई डिग्री जरूरी है। इसी तरह यदि आप कंस्ट्रक्शन से जुड़ना चाहते हैं तो सिविल इंजीनियङ्क्षरग में बीटेक या डिप्लोमा जरूरी है। बेहतर कम्युनिकेशन स्किल इस सेक्टर की अधिकांश फील्ड्स के लिए जरूरी है।
कहां मिलते हैं मौके
कंस्ट्रक्शन में संलग्न कंपनियों में ही सबसे ज्यादा मौके मिलते हैं। इसके अलावा प्रॉपर्टी बिजनेस एसोसिएट्स, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट फम्र्स, प्रॉपर्टी रिसर्च एजेंसी, इंश्योरेंस कंपनी आदि के द्वारा भी मौके उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट से संबंधित पत्र-पत्रिकाओं और वेबसाइट में भी रियल एस्टेट के जानकारों की मांग बनी रहती है। आप चाहें तो कंसल्टेंसी का भी काम कर सकते हैं। रेजिडेंशियल या कॉमॢशयल खरीदारी के लिए प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की मांग अब काफी बढ़ गई है। अनुभव के साथ इस सेक्टर की किसी भी फील्ड में आमदनी के मौके बढ़ते जाते हैं। इसमें कई फील्ड क्रिएटिविटी की मांग करते हैं, जैसे आॢकटेक्चर, लैंडस्केङ्क्षपग डिजाइङ्क्षनग आदि। ऐसे में आपका कल्पनाशील होना आपको अन्य के मुकाबले आगे बढ़ने का बेहतर मौका देता है।
कहां से करें पढ़ाई
वैसे तो इस सेक्टर से जुड़ने के लिए अलग-अलग फील्ड्स से संबंधित अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता का सहारा लेकर आगे बढ़ा जा सकता है। फिर भी कुछ संस्थान हैं, जहां से आप रियल एस्टेट से संबंधित डिग्री हासिल कर सकते हैं-
-नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट ऐंंड रिसर्च, मुंबई व अन्य केंद्र
-इंडिया स्कूल ऑफ रियल एस्टेट, पुणे
-एमिटी यूनिवॢसटी, नोएडा
-नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ रियल एस्टेट मैनेजमेंट, नई दिल्ली

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