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Friday, April 27, 2012

18 साल की उम्र तक सेक्‍स होगा अपराध

सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में 18 साल से कम उम्र में आम सहमति से यौन संबंध को अपराध की श्रेणी में रखने का निर्णय लिया है। हालांकि दफ्तरों में महिला यौन प्रताड़ना पर कानून में संशोधन की मंजूरी नहीं मिल सकी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यौन अपराधों से बाल संरक्षण विधेयक 2011 पर चर्चा हुई। अब तक 16 साल की उम्र तक आम सहमति से संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में लिया जाता था, लेकिन अब यह सीमा 18 वर्ष कर दी है। इसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्‍चों के साथ यौन संबंध बनाने के दोषी व्‍यक्ति को तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा की व्‍यवस्‍था की गई है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार समलैंगिकता पर काबू पाने के उपाय के रूप में बच्‍चों के यौन शोषण को भी प्रस्‍तावित विधेयक के अपराध में शामिल किया गया है। इसी तरह बच्‍चे-बच्चियों की तस्‍करी और उनके अश्‍लील वीडियो बनाने को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इन अपराधों को उस समय और भी गंभीर माना जाएगा। जब ये अध्‍यापकों, अस्‍पतालकर्मियों, सरकारी कर्मियों, पुलिस अधिकारियों जैसे भरोसेमंद और जिम्‍मेदार लोगों द्वारा अंजाम दिए जाएंगे। मानसिक रूप से विकलांग तथा बारह वर्ष से कम आयु के बच्‍चों के प्रति यौन अपराधों को भी अधिक गंभीरता से लिया जाएगा। इससे संबंधित संसदीय स्‍थायी समिति ने दिसंबर 2011 में सिफारिश की थी। मंत्रालय ने इसी के अनुसार संशोधन की सिफारिश की। अब 18 साल की उम्र तक आम सहमति की बात को अप्रासंगिक माना जाएगा और कहा कि उम्र से संबंधित प्रावधान को हटाया जाए।

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