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Tuesday, December 13, 2011

जागो देश की जनता जागो

शायद आज देश की जनता के पास विपक्ष में कोई ऐसी पार्टी नहीं बची है जो केंद्र में कांग्रेस को छोड़कर शासन कर सके, क्योंकि आज जिस दौर से देश गुजर रहा है वहां फिर उसी मोड पर लाकर खड़ा कर दिया गया जब यह इस्ट इंडिया कंपनी के समय में हुआ था। हुआ था यूं कि कंपनी ने अपनी धाक जमाने के लिए इंडिया में व्यापार ही शुरू किया था और उसे बड़ी मेहनत के बाद यहां से भगाया गया था। फिर वही होने वाला है। आज देश में पक्ष-विपक्ष के चक्कर में जहां एक ओर गरीबों को एक वक्त की रोटी के लाले पड़े होते हैं वहीं किसी एक मुद्दे को लेकर विपक्ष-पक्ष में खिंचतान के चलते संसद बार-बार ठप्प होने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। बात भी सिरे नहीं चढ़ रही है। आज भारत देश कप्र्सन से भरा हुआ है। यहां तक की यदि कोई गांव का सरपंच तक भी कोई नीलामी सूचना लगता है तो यदि बिल यदि 500 रुपए का होता है तो वह चाहता है कि बिल 1000 रुपए का हो जाए तो 500 रुपए से खर्चा-पानी निकल जाएगा। इसी छोटी सी सोच एक दिन बड़ी होती चली जाती है। यदि कारण हैं कि एक सरपंच और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर आज बड़़े-बड़े पदों का नाम भी इस कप्र्सन की लिस्ट में शामिल हो चुका है। कमी इस बात कि है की देश की जनता के पास आज विपक्ष में कोई मजबूत शासन नहीं मिल रहा है।
मजबूत शासक मिल भी सकता है यदि भाजपा चाहे तो। भाजपा चाहे तो हां और और अपना नरेंद्र मोदी। नरेंद्र मोदी की सोच, विचार, हाव-भाव, एक राज्य के मुख्यमंत्री होते हुए उसे तरक्की की ओर लेकर जाना इस बात का सूचक है कि भाजपा के पास एक ऐसा विकल्प है जिस आज के समय में देश की जनता नहीं नकार सकती है। सभी उसी को मानते हैं, लेकिन भाजपा के बड़े विपक्षी नेता इस बात से सहमत तक नहीं है यहां तक कि भाजपा के वरिष्ठï नेता लालकृष्ण आडवाणी तक भी नरेंद्र मोदी को आगे लाने कतरा रहे हैं। वो भी क्यों, क्योंकि यदि वो केंद्र में पीएम की होड़ में शामिल हो जाते हैं तो आडवाणी को कोई पूछने वाला तक नहीं बचेगा। आज पक्ष या विपक्ष सभी को अपनी कुर्सी से लगाव है सभी सुर्खियों में आने को बेताब होने लगते हैं और रही बात केंद्र सरकार की केंद्र को जब सोसल नेटवर्कींग साईटों पर उनके खिलाफ चित्र डालना या लिखना तक पसंद नहीं आया तो उसे बंद करने के लिए कपिल सिब्बल को आगे लाया गया जिन्होंने पिछले दिनों खूब अपनी भडांस निकाली। इस बात से यह साबित होता है कि केंद्र सरकार हर बात को लेकर अपनी बूराई नहीं सहज करना चाहती है। यह केंद्र सरकार का हिटलर रूपी कारनामा है जो वो आज इस समय आजमा रही है। देश की जनता जागो और इस देश को बचाने में अन्ना हजारे की मदद करो ताकि यह देश फिर से सोने की चिडिय़ा कहला सके। हमें मांगने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, बल्कि अन्य देशों को मांगने के लिए हमारे पास आना पड़े।

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